A Voice Rising from the Heights of the Water

Posted by Ashish Kumar Sarkar on

A Voice Rising from the Heights of the Water | जल की उंचाइयों से उठता हुआ एक आवाज 


अगर हम किसी बड़े झरने के करीब जाते हैं तो वह जहाँ से गिरता है, उसकी ऊंचाई और वह जहां गिरता है, वह स्थान, दोनों मिलकर एक आवाज का निर्माण करते हैं। और उस आवाज से आसपास का सारा वातावरण उत्साह और प्रसन्नता से भर जाता है। उसके पास जाने से ही निर्भयता की स्थिति प्राप्त हो जाती है। - श्री शिवकृपानंद स्वामीजी हिमालय का समर्पण योग - भाग  ४(१७७)

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