Love The Gift of Giving | प्रेम: देने की अनमोल भेंट
॥प्रेममय जयते॥
प्रेम पाने की नहीं, देने की चीज है; प्रेम तो ईश्वर का वह प्रसाद है जो बाँटना है। प्रेम, निर्व्याज प्रेम करो, किसी स्वार्थ से नहीं, किसी भी अपेक्षा से नहीं। हिमलयिन संत श्री शिवकृपानंद स्वामी
॥वसुधैव कुटुंबकम्॥
Love is not something to be attained but to be given. It is a divine blessing from the higher power that is meant to be shared with others. Love unconditionally, without any expectations or selfish motives
॥प्रेममय जयते॥
प्रेम पाने की नहीं, देने की चीज है; प्रेम तो ईश्वर का वह प्रसाद है जो बाँटना है। प्रेम, निर्व्याज प्रेम करो, किसी स्वार्थ से नहीं, किसी भी अपेक्षा से नहीं। हिमलयिन संत श्री शिवकृपानंद स्वामी
॥वसुधैव कुटुंबकम्॥
Love is not something to be attained but to be given. It is a divine blessing from the higher power that is meant to be shared with others. Love unconditionally, without any expectations or selfish motives