There are three types of people in the world, a fortunate who believes that everything is already fixed, so what will change even by effort. The other are effortful, who think that luck does not happen, karma is everything. The third is Paramarthi, who spends life by considering the divine, ie God, while doing everything, slowly, by living in profit and loss. Under any circumstances, they live with blissful, that is, calmly…!
संसार में तीन प्रकार के लोग हैं,एक भाग्यवादी जो कि मानते हैं कि सब कुछ पहले से ही नियत है इसलिए पुरुषार्थ करके भी क्या बदल जाएगा। दूसरे हैं पुरुषार्थवादी, जिन्हें लगता है कि भाग्य कुछ नहीं होता, कर्म ही सब कुछ है। तीसरे होते हैं परमार्थी, जो परमार्थ अर्थात परमात्मा को ही सब कुछ मानते हुए, धीरे धीरे कर्म करते हुए, लाभ-हानि में भी सम रहकर जीवन व्यतीत करते हैं। रुषीमुनिओ ने इस तीसरी श्रेणी के लोगों को उत्तम प्रवृत्ति का बताया है। ऐसे व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में आनंदमय अर्थात शांत भाव से जीवन-यापन करते हैं....!
।।जय गुरुदेव।।
।।जय बाबा स्वामी।।